वृहद् श्राद्ध

वृहद् श्राद्ध

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वृहद् श्राद्ध हिन्दू धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण और विस्तृत धार्मिक अनुष्ठान है, जो विशेष रूप से उन परिवारों द्वारा किया जाता है जो अपने अनेक पितरों की आत्मा की शांति के लिए सामूहिक रूप से श्राद्ध करना चाहते हैं। "वृहद्" का अर्थ होता है – विस्तृत या बड़ा, और "श्राद्ध" का अर्थ है – श्रद्धा भाव से किया गया कर्म। अतः वृहद् श्राद्ध एक ऐसा अनुष्ठान है जिसमें तीन या उससे अधिक पीढ़ियों के पितरों के लिए एक साथ पिंडदान, तर्पण और भोजन आदि विधियों से श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है।

यह श्राद्ध विशेष रूप से गया धाम में सम्पन्न किया जाता है, जो मोक्ष और पितृ तृप्ति का सर्वोच्च स्थल माना गया है। वृहद् श्राद्ध में योग्य ब्राह्मणों को आमंत्रित कर विधिपूर्वक मंत्रोच्चारण, हवन, पिंडदान, दान-दक्षिणा आदि की जाती है। इसमें विशेष रूप से परिवार के सभी सदस्य सहभागी होते हैं, और यह कर्म बड़े स्तर पर पूर्ण श्रद्धा और विधिविधान से किया जाता है।

वृहद् श्राद्ध का उद्देश्य केवल पितरों की आत्मा को तृप्त करना ही नहीं होता, बल्कि पितृ दोष से मुक्ति, परिवार की उन्नति, स्वास्थ्य और समृद्धि प्राप्त करना भी होता है। यह संस्कार पूर्वजों के प्रति प्रेम, आदर और कर्तव्य भावना का सुंदर प्रतीक है।

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