एकोदृष्टि श्राद्ध

एकोदृष्टि श्राद्ध

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एकोदृष्टि श्राद्ध हिन्दू धर्म में किया जाने वाला एक विशेष प्रकार का श्राद्ध कर्म है, जो विशेष रूप से उन पितरों के लिए किया जाता है जिनकी मृत्यु किसी असामान्य, अकाल या अत्यंत पीड़ादायक परिस्थिति में हुई हो। "एकोदृष्टि" का अर्थ है – एकाग्र दृष्टि या एक उद्देश्य के लिए समर्पित श्राद्ध। यह श्राद्ध एक ही आत्मा के लिए पूर्ण समर्पण भाव से किया जाता है, जिसमें केवल एक पितर की आत्मा की तृप्ति और मुक्ति का उद्देश्य होता है।

यह श्राद्ध मुख्यतः तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद नियमित पिंडदान या श्राद्ध कर्म न हो पाया हो, या जब आत्मा असंतुष्ट और भटकी हुई हो। गया धाम में इस श्राद्ध का विशेष महत्व है, जहाँ योग्य ब्राह्मणों के मार्गदर्शन में वैदिक विधियों और मंत्रों के साथ यह अनुष्ठान सम्पन्न किया जाता है।

एकोदृष्टि श्राद्ध से आत्मा को शांति, तृप्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही, परिवार पर से पितृ दोष का प्रभाव समाप्त होता है और जीवन में सुख-शांति लौटती है। यह कर्मकांड श्रद्धा, भक्ति और आत्मीयता से युक्त होता है, जो पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता और सम्मान का प्रतीक है।

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