गया श्राद्ध तर्पण

गया श्राद्ध तर्पण

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गया श्राद्ध तर्पण हिन्दू धर्म का एक अत्यंत पुण्यदायक और पवित्र अनुष्ठान है, जो गया धाम में पितरों की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए किया जाता है। "श्राद्ध" का अर्थ है श्रद्धा और "तर्पण" का अर्थ है जल अर्पण के माध्यम से आत्मा को तृप्त करना। गया को पिंडदान और तर्पण के लिए सर्वोत्तम स्थल माना गया है क्योंकि यह स्थान पौराणिक कथाओं में भगवान विष्णु द्वारा गयासुर को मोक्ष प्रदान करने का क्षेत्र माना गया है।

श्राद्ध तर्पण गया में विशेष रूप से फल्गु नदी के तट पर, विष्णुपद मंदिर और अन्य पवित्र स्थलों पर किया जाता है। इसमें चावल, तिल, जल और कुशा का प्रयोग कर पिंडदान और तर्पण विधि से पितरों को अर्पण किया जाता है। यह अनुष्ठान योग्य ब्राह्मण पंडितों के मार्गदर्शन में वैदिक मंत्रों के साथ सम्पन्न होता है।

गया श्राद्ध तर्पण करने से पितृ दोष समाप्त होता है, पितरों की आत्मा को तृप्ति मिलती है और परिवार में सुख-शांति, संतान सुख तथा समृद्धि का वास होता है। यह अनुष्ठान पूर्वजों के प्रति श्रद्धा और आत्मिक उत्तरदायित्व की अभिव्यक्ति है, जिसे हर हिन्दू को जीवन में एक बार अवश्य करना चाहिए।

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