अक्षय वती

अक्षय वती

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अक्षय वट या अक्षय वटी गया धाम में स्थित एक अत्यंत पवित्र और पूजनीय वृक्ष है, जिसे सनातन धर्म में अमरत्व और मोक्ष का प्रतीक माना जाता है। "अक्षय" का अर्थ है – जो कभी नष्ट न हो, और "वट" का अर्थ है – बरगद का वृक्ष। यह वृक्ष भगवान विष्णु के चरणों के निकट, विष्णुपद मंदिर के समीप स्थित है और पिंडदान, श्राद्ध कर्म एवं तर्पण के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्त्व रखता है।

धार्मिक मान्यता है कि इस वटवृक्ष के नीचे पिंडदान करने से पितरों को न केवल शांति मिलती है, बल्कि उन्हें मोक्ष भी प्राप्त होता है। यह भी कहा जाता है कि स्वयं भगवान विष्णु ने इस वृक्ष के नीचे तपस्या की थी और यहाँ किया गया कोई भी पुण्य कार्य "अक्षय" अर्थात् कभी नाश न होने वाला फल देता है।

अक्षय वटी के दर्शन करना और इसके नीचे पूर्वजों के लिए तर्पण करना एक अत्यंत पुण्यदायी कार्य माना गया है। पितृ पक्ष के समय यहाँ विशेष भीड़ होती है और श्रद्धालु पंडितों के मार्गदर्शन में विधिपूर्वक अनुष्ठान करते हैं। यह वृक्ष आस्था, श्रद्धा और सनातन परंपरा का जीवंत प्रतीक है।

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